मप्र विधानसभा :कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का हंगामा
ड्रग्स कारोबार को लेकर सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कांग्रेस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायकों ने ड्रग्स के प्रतीकात्मक इंजेक्शन और पुडियां लेकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि एमडी ड्रग्स का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने इसमें भाजपा नेताओं की संलिप्तता को लेकर भी आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बढ़ते एमडी ड्रग्स कारोबार ने युवाओं को गर्त में धकेल दिया है। सरकार छोटी मछलियों को पकड़ रही है, मगरमच्छों को कब पकड़ेगी? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं की संलिप्तता के कारण मुख्य आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
इस पर राज्य मंत्री शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि संगठित अपराधों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में वर्षों से कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है। एक वर्ष में 10 नक्सलियों का सफाया किया गया। फुटकर नशा बेचने वालों और माफियाओं पर सख्त कार्रवाई हो रही है। उन्होंने बताया कि सरकार "नशे से दूरी है जरूरी" अभियान चलाया गया। डायल 112 सेवा अगस्त से पूरे प्रदेश में शुरू होगी। "ऑपरेशन मुस्कान" के तहत 7615 लापता नाबालिग बालिकाओं को घर पहुंचाया गया।
विधायक बृजेन्द्र सिंह बोले- वन विभाग राजस्व भूमि पर कर रहा कब्जा
सत्र के दौरान पन्ना जिले में वन विभाग और राजस्व विभाग की भूमि सीमाओं को लेकर चल रहे विवाद का मामला जोरशोर से उठा। भाजपा विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानआकर्षण में पन्ना जिले में राजस्व एवं वन विभाग की सीमाओं का निराकरण न होने से उत्पन्न स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वन और राजस्व विभाग की सीमाओं का आज तक स्पष्ट निराकरण नहीं हुआ है, जिसकी वजह से वन विभाग अक्सर राजस्व की जमीन को अपनी सीमा में दर्शा देता है। इससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा अक्सर निर्माण कार्य जबरन रुकवा दिए जाते हैं। विधायक सिंह ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए वन व्यवस्थापन अधिकारी की नियुक्ति की मांग की, जिसे संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समर्थन दिया।
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