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पहलगाम हमले की जांच एनआईए को, स्थानीय मदद की भी करेगी जांच


 नई दिल्ली: 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार एक्शन मोड में दिख रही है। पहले सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए वहीं अब इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को सौंप दी है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक और कई भारतीय सैलानी शामिल थे। इसके अलावा, 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में हुआ सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।

एनआईए की एक उच्चस्तरीय टीम जांच के लिए पहलगाम पहुंची। यह टीम जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर घटनास्थल का मुआयना कर रही है और स्थानीय लोगों व घायलों से पूछताछ कर रही है। एनआईए की फॉरेंसिक टीम ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच तैयार किए हैं, जिनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू तल्हा बताए गए हैं। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या हमले में स्थानीय लोगों की मदद शामिल थी।

मीडिया चैनलों को  रक्षा अभियानों का लाइव कवरेज न दिखाने की सलाह  

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का लाइव कवरेज न दिखाने की सलाह जारी की है। सलाह में राष्ट्रीय सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व पर जोर दिया गया है और मौजूदा कानूनों और दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने का आग्रह किया गया है। मंत्रालय ने विशेष रूप से रेखांकित किया है कि रक्षा अभियानों से संबंधित "स्रोत-आधारित" जानकारी का कोई लाइव कवरेज, दृश्य या प्रसार नहीं होना चाहिए। इसने चेतावनी दी कि ऐसी रिपोर्टिंग अनजाने में शत्रुतापूर्ण संस्थाओं की सहायता कर सकती है और परिचालन प्रभावशीलता और कर्मियों की सुरक्षा से समझौता कर सकती है।

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