कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा
हंगामे की वजह से उच्च सदन में नहीं हो पाया शून्यकाल और प्रश्नकाल
नई दिल्ली।
कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण को लेकर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा देखने को मिला. राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों ने कर्नाटक के सरकारी ठेकों में मुस्लिमों के लिए चार फीसदी आरक्षण और वहां के डिप्टी सीएम की ओर से सदन में दिए गए संविधान बदलने वाले बयान को आधार बनाकर हंगामा शुरू कर दिया।
उधर मुस्लिम आरक्षण पर लोकसभा में भी हंगामा हुआ. कार्यवाही शुरू होते ही ट्रेजरी बेंच के सदस्यों ने कर्नाटक के मुस्लिम आरक्षण को लेकर विपक्ष पर हमला किया. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा जिसके बाद कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
यह है मामला
कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाला एक विधेयक के पारित किया गया. इसको लेकर विरोध जता रहे बीजेपी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया.
मामले को लेकर खरगे और रिजिजू आमने -सामने
राज्य सभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को कोई नहीं बदल सकता. कोई भी आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता. इसकी रक्षा के लिए, हमने कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा की. वे (एनडीए सांसदों की ओर इशारा करते हुए) भारत को तोड़ते हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण के लिए बाबा साहब के बनाए संविधान को क्यों बदलना चाहती है? कांग्रेस के अध्यक्ष जो इस सदन में विपक्ष के नेता भी हैं, उनको जवाब देना चाहिए. अगर हिम्मत है, तो आज ही उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगें.
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