वक्फ कानून पर ममता ने पीछे खींचे कदम , कानून बंगाल में लागू
कोलकाता
केंद्र सरकार के ‘वक्फ संशोधन अधिनियम 2025’ का कड़ा विरोध करने के बाद आखिरकार पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। महीनों तक इस कानून को टालने के बाद ममता सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए राज्य में लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि राज्य की करीब 82,000 वक्फ संपत्तियों का पूरा विवरण निर्धारित समयसीमा 6 दिसंबर 2025 तक केंद्रीय पोर्टल ‘उम्मीद’ (umeedminority.gov.in) पर अपलोड कर दिया जाए। यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक मंचों से घोषणा की थी कि वह इस कानून को बंगाल में किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगी।
राज्य प्रशासन ने केंद्र के निर्देशों का पालन करते हुए डेटा एंट्री की प्रक्रिया युद्धस्तर पर शुरू कर दी है। अल्पसंख्यक विकास विभाग के सचिव पी.बी. सलीम ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर आठ सूत्रीय कार्रवाई योजना जारी की है। इस निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि केंद्रीय पोर्टल पर फिलहाल केवल निर्विरोध संपत्तियों का ही विवरण अपलोड किया जाए। प्रशासन ने अधिकारियों को इमामों, मुअज्जिनों और मदरसा शिक्षकों के साथ बैठकें आयोजित कर उन्हें इस नई प्रक्रिया और पोर्टल की बारीकियों को समझाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, जहां भी तकनीकी सहायता की आवश्यकता हो, वहां सुविधा केंद्र स्थापित करने और बिना किसी देरी के 6 दिसंबर तक काम पूरा करने को कहा गया है।

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