होसबोले ने गंगा-जमुनी संस्कृति के पैरोकारों को घेरा , दारा शिकोह को नहीं बनाया नायक
बेंगलुरु।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने रविवार को औरंगजेब विवाद पर टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने गंगा-जमुनी संस्कृति के पैरोकारों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि समर्थकों ने मुगल शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को कभी नायक नहीं माना।
होसबोले ने उन ऐतिहासिक शख्सियतों को नायक बनाने पर सवाल उठाया जो भारत के लोकाचार के खिलाफ थे।
गंगा-जमुनी संस्कृति की वकालत करने वालों ने कभी दारा शिकोह को आगे लाने के बारे में नहीं सोचा। क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को नायक बनाने जा रहे हैं जो भारत के लोकाचार के खिलाफ था, या हम उन लोगों के साथ जाने वाले हैं जिन्होंने इस भूमि की परंपराओं के अनुसार काम किया?
आरएसएस नेता ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और उनसे पहले आए लोगों के खिलाफ लड़ाई के बीच अंतर भी बताया। होसबोले ने कहा, 'अगर आजादी की लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी जाती है, तो यह आजादी की लड़ाई है। उनसे (अंग्रेजों) पहले आए लोगों के खिलाफ लड़ाई भी आजादी की लड़ाई थी। महाराणा प्रताप ने जो किया वह आजादी की लड़ाई थी। अगर आक्रमणकारी मानसिकता वाले लोग हैं, तो वे देश के लिए खतरा हैं। हमें तय करना होगा कि हम अपने देश के लोकाचार के साथ किसे जोड़ने जा रहे हैं। यह धर्म के बारे में नहीं है। यह आरएसएस का दृढ़ दृष्टिकोण है।
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