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आरएसएस मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी ,लिखा भावुक संदेश

 


हेडगेवार जी और गुरुजी की यादों को संजोए इस स्मारक मंदिर में आकर मैं अभिभूत 

चैत्र नवरात्र के साथ भारतीय नव वर्ष विक्रमी संवत 2082 की शुरुआत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर में आरएसएस कार्यालय पहुंचे । उन्होंने रेशम बाग में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के केशव कुंज में करीब 12 साल बाद कदम रखा। पीएम मोदी ने संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे संघ प्रमुख श्रद्धेय माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर 'गुरुजी' को पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने इस मौके पर भावुक संदेश भी लिखा। पीएम मोदी की इस मौके पर मौजूदा संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ गर्मजोशी भी दिखी। 

आरएसएस संस्थापकों को पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि दी

 पीएम मोदी ने हेडगेवार स्मृति मंदिर में एक नोट लिखा। पीएम ने हिंदी में लिखे अपने नोट में लिखा, 'मैं पूज्य डॉ. हेडगेवार जी और आदरणीय गुरुजी को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी यादों को संजोए इस स्मारक मंदिर में आकर मैं अभिभूत महसूस कर रहा हूं।'

पीएम ने आगे लिखा, 'भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन के मूल्यों को समर्पित यह पवित्र स्थान हमें राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। इस स्थान से जुड़े सभी महानुभावों का समर्पण और कड़ी मेहनत राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। हमारे प्रयासों से भारत माता की महिमा चमकती रहे।

प्रधानमंत्री मोदी की यह संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। इससे पहले जुलाई 2013 में वह लोकसभा चुनाव के सिलसिले में हुई बैठक में शामिल होने नागपुर आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की।

संघ प्रमुख ने गिनाया 'शुभ योग'


हिंदू नववर्ष की शुरुआत के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुभ योग बताया है। माधव नेत्रालय के प्रीमियर सेंटर की आधारशिला रखने जाने के मौके पर संघ प्रमुख ने कहा कि आज डॉक्टर साहब (संघ संस्थापक हेडगेवार) का जन्मदिन है, दूसरे संघ प्रमुख माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर 'गुरुजी' के नाम पर चल रहे सेवा प्रकल्प के विस्तार का कार्यक्रम है और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी का यहां पर उपस्थित होना। सारे शुभ योग हैं। जब ये सारे शुभ योग एकत्रित हैं। जब ये सारे शुभ योग एकत्रित होते हैं तो उसके लिए तपस्या करनी पड़ती है।

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