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प्रदेश सरकार का धार्मिक पर्यटन पर विशेष ध्यान, महानायकों के पराक्रम को जनता के बीच लाने के प्रयास - सीएम यादव

 


भोपाल/ नई दिल्ली।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जड़ों से जुड़े रहकर ही विकास संभव है। इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार ‘विरासत से विकास’ की रणनीति पर काम कर रही है। प्रदेश में सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज का गौरवशाली इतिहास रहा है। इन महानायकों के पराक्रम और विशेषताओं को जनता के बीच लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को विशेष महत्व दे रही है। शासन की व्यवस्थाओं और योजनाओं से वर्ष 2028 में उज्जैन में आयोजित होने वाला सिंहस्थ महाकुंभ अदभुत होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव दिल्ली में एक निजी समाचार चैनल के ‘सत्ता सम्मेलन कार्यक्रम’ को संबोधित कर रहे थे। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि 2000 वर्ष पूर्व सम्राट विक्रमादित्य ने नवरत्नों द्वारा शासन की व्यवस्थाओं का संचालन कर गणतंत्र आधारित सुशासन स्थापित किया। सम्राट विक्रमादित्य ने अपने राज्य में जनता का कर्ज माफ कर विक्रम संवत का परावर्तन भी किया। उनके इस पुरुषार्थ और सुशासन के प्रतिमान के विभिन्न आयामों का उत्सव मनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार आगामी 12 से 14 अप्रैल तक दिल्ली में विक्रमादित्य महानाट्य का आयोजन करेगी। एक हजार वर्ष पूर्व राजा भोज ने चट्टानों पर आधारित जल संरचनाओ के माध्यम से जल संचयन की तकनीक सिखाई है। प्रदेश के इन महानायकों में सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज के नाम पर भोपाल में स्मृति द्वार बनाए जा रहे हैं। कालगणना की नगरी उज्जैन में राजा जयसिंह द्वारा स्थापित पहली वेदशाला और नवग्रह की उपासना से जुड़ी प्राचीन वैदिक पद्धति के आधार पर वैदिक घड़ी और ऐप बनाए गए हैं। 

 करेंगे जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ  

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन स्थित क्षिप्रा तट पर वरुण (जल देवता) पूजन और जलाभिषेक के साथ "जल गंगा संवर्धन अभियान" का विधिवत शुभारंभ करेंगे। यह प्रदेशव्यापी अभियान ग्रीष्म ऋतु में 30 जून तक 90 दिन से अधिक समय तक लगातार चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर दिन एक छोटी-बड़ी जल संरचना को लोकार्पित करेंगे। जल संरक्षण के इस अभियान से प्रदेश में भूजल स्तर में सुधार आएगा।बता दे कि गत वर्ष 5 से 30 जून 2024 तक "जल गंगा संवर्धन अभियान" चलाया गया था। इस अवधि में 1056 करोड़ की लागत से 38 हजार 851 कार्य किए गए। 

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